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करवा चौथ की पवन कथा : परंपरा, पूजा और व्रत की कहानी | Karva Chauth Ki Katha | Karva Chauth Ki Raat
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Karva Chauth Special Songs:
🙏Karavachauth Ki Raat – https://youtu.be/6_jcFj9Ped4
🙏Karva Chuth Bhajan – https://youtu.be/pHsSSWX4_R8
🙏Nonstop Karva chautha Bhajan – https://youtu.be/wi1cZQB8YME
🙏Karava Chauth Vrat Katha – https://youtu.be/o8FGap4lSsM
Credits:
Singer : Tripti Shakya
Lyrics : Devendra Rana
Music : Samuel Paul
Music Label: Wings Music
© & ℗ Wings Entertainment Ltd.
Lyrics:
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
हम करवा चौथ के पावन वृत की
कथा सुनाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हम सदा सुहागन रहने की
शुभ राह दिखाते हैं
शुभ राह दिखाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
कार्तिक मास की चौथी तिथि को
पर्व मनाया जाता
करवा चौथ का व्रत ये सुहाना
सबके मन को भाता
सदा सुहागन रहने की हर
नारी इच्छा धरती
अपने पति की उम्र की खातिर
वृत ये पूरण करती
इस व्रत का जो पालन करता
सदा ही मंगल होता
इस व्रत का फल बड़ा सुहाना
सभी दुखों को धोता
जोड़े से जो वृत ये करता
मिलती है खुशहाली
जगमग जीवन हो जाता है
जैसे हो दिवाली
व्रत का पालन करने वाले
सब सुख पाते हैं
हाँ सब सुख पाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
किसी नगर में एक सेठ थे
करते जो व्यापार
उनके घर में सजा हुआ था
गणपति का दरबार
श्री गणेश की कृपा थी उन पर
लक्ष्मी जी का साथ
उनके घर में हंसी खुशी की
होती थी बरसात
सेठ जी की एक पुत्री थी
और बेटे थे सात
कृपा थी उन पर ईश्वर की
और सिर पे दया का हाथ
सब बेटों की शादी हो गई
बहू मिली गुणवान
धर्म-कर्म में आगे रहती
करें प्रभु का ध्यान
अपने घर को देख सेठ जी
शुक्र मनाते हैं
हाँ शुक्र मनाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हाँ जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
धन दौलत की कमी नहीं थी
मिली थी हर सौगात
प्रभु कृपा से बीत रहे थे
सुख में दिन और रात
सात बेटे और सात बहू से
सारा घर गुलज़ार
सातों भाई को अपनी बहन से
बहुत ही ज़्यादा प्यार
अपनी बहन के सुख की खातिर
करते सभी उपाय
भूल से भी बहना की आंखों में
आंसू ना आ जाए
बहना का जब ब्याह हुआ तो
सभी बहुत हरषाए
बड़े प्रेम से अपनी बहन को
डोली में बैठाये
आशीष देकर अपनी बहन पर
नेह लुटाते हैं
हाँ नेह लुटाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
एक दिन बहना मयके आई
लोग सभी हरषाए
देख के अपनी प्यारी लाडो को
फूले नहीं समाये
भाभी ने भी बड़े प्यार से
उसको गले लगाया
अपनी बहन के जैसा ही
उस पर है प्यार लुटाया
कार्तिक मास में होने लगी
फिर चौथ की तैयारी
करवा चौथ के नाम से जिसको
जाने दुनिया सारी
महिलाओं ने बड़े चाव से
करवा चौथ व्रत धारा
करवा चौथ की कृपा से दमके
घर संसार हमारा
सातों भाई सारे ही घर को
खूब सजाते हैं
हाँ खूब सजाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
छोटी बहन ने व्रत करने की
अपने मन में ठानी
अपनी माता से उसने फिर
सारी विधि है जानी
बड़े प्रेम से बेटी को तब
माता ने समझाया
सदियों से संसार ये सारा
व्रत है करता आया
दिन भर का उपवास करो और
चांद का दर्शन पाओ
अपने पति का ध्यान करो और
चौथ को शीश नवाओ
करवा चौथ की कथा सुनो और
मिलकर मंगल गाओ
छलनी में एक दीप जलाओ
चांद को अर्घ चढ़ाओ
व्रत पूरण हो जाने पर ही
भोजन खाते हैं
हाँ भोजन खाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
माँ की बात मान के उसने
कर ली सब तैयारी
शाम तलक ही उसने लेकिन
अपनी हिम्मत हारी
बार-बार वो छत पर जाती
चांद नज़र ना आए
भूख के मारे उस बहना की
आंखों में आंसू आये
बहना की ये देख दशा
भाई हैं सभी घबराए
बहना का मुरझाया चेहरा
देख नहीं वो पाए
अभी तलक तो शाम हुई है
रात अभी है बाकी
थोड़ा धीरज मन में राखो
समझाती हर भाभी
बहना की खातिर भाई तब
युक्ति लगाते हैं
हाँ युक्ति लगाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
छलनी और दीया को लेकर
नकली चांद बनाया
अपनी बहन को भाई ने वो
नकली चांद दिखाया
बहना ने फिर चांद को देखा
अपना व्रत है तोड़ा
नादानी में उस बहना ने
व्रत को अधूरा छोड़ा
दौड़ बहन फिर नीचे आई
प्रेम से खाना खाया
खाना खाकर उसने सारे
घर को है बतलाया
टूट गया है वृत बहना का
गणपति क्रोध में आए
अगले ही पल उसके पति ने
अपने प्राण गंवाये
भाई भाभी मिलकर आंसू
रोक न पाते हैं
हाँ रोक न पाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
करवा चौथ का चांद निकला
बहन फूट के रोयी
क्षमा करो अपराध हमारा
अपनी सुध बुध खोयी
हाथ जोड़कर चरण शरण में
तुमसे रही ये मांग
अमर रहे सौभाग्य हमारा
भरी रहे ये मांग
करवा चौथ की पूजा उसने
फिर से है दोहराई
अगले बरस व्रत करने की
उसने कसम है खाई
कृपा हुई फिर उसके ऊपर
पति को फिर से पाया
करवा चौथ के व्रत के कारण
फिर से मंगल छाया
करवा चौथ की महिमा सारे
लोग सुनाते हैं
हाँ लोग सुनाते हैं
हम नारी के सौभाग्य की गाथा
जग को बताते हैं
हम जग को बताते हैं
हर नारी का श्रृंगार
ये करवा चौथ त्योहार
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